Purvottar Railway Kendreeya Granthalaya
North Eastern Railway (Headquarter)
Office of the Principal Chief Personnel Officer
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“मैं नरक में भी अच्छी पुस्तकों का स्वागत करूंगा, क्योंकि उनमें वह शक्ति है कि जहां वे होंगी वहीं स्वर्ग बन जायेगा ।” -लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

This is the only central government's library in which the method of scientific method "Colon classification" propounded by Indian Library Scientist Dr. S.R. Ranganathan has been adopted. Books on shelves are arranged according to the book number under the Class of the subject. Currently, this library has a large compilation of about 80,000 books. Apart from technical books, other subjects like literature, religion and philosophy, travel literature, history and science etc. have also been well collected for the knowledge of railway employees. Apart from Hindi and English language books being used in government work, educational books are also purchased in the library so that the children of railway employees can be benefited.


यह अकेला केन्द्रीय सरकार का ग्रंथालय है जिसमें पुस्तकों को विषयानुसार व्यवस्थित करने के लिए भारतीय ग्रंथालय विज्ञानी डॉ. एस. आर. रंगनाथन द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक विधि “द्विबिन्दुवर्गीकरण” की पद्धति अपनायी गयी है । निधानी पर पुस्तकों का व्यवस्थापन विषय के वर्गों के अंतर्गत ग्रंथांक के अनुसार किया जाता है । वर्तमान में इस ग्रंथालय में लगभग 80,000 पुस्तकों का वृहद संकलन है । तकनीकी पुस्तकों के अलावा रेल कर्मचारियों के ज्ञानवर्द्धन के लिए अन्य विषयों जैसे साहित्य, धर्म एवम् दर्शन शास्त्र, यात्रा साहित्य, इतिहास तथा विज्ञान आदि विषयों का भी उत्तम संकलन किया गया है । सरकारी काम में प्रयोग की जा रही हिन्दी एवम् अंग्रेजी भाषा की पुस्तकों के अतिरिक्त शैक्षणिक पुस्तकें भी ग्रंथालय में मंगाई जाती हैं जिससे रेल कर्मचारियों के बच्चे लाभान्वित हो सके ।


It is mainly a departmental technical library. It has a huge compilation of books of subjects like engineering, electrical, signal and telecommunication, accounting and management. So that officers and employees related to the department can get the necessary information for efficient editing of technical work. The main objective of the library-
1. To determent of readers' reference problems as soon as possible.
2. To transform the library into a standard library using state -of -the -art technology.


मुख्यतया यह एक विभागीय तकनीकी ग्रंथालय है । इसमें इंजानियरिंग, इलेक्ट्रीकल, संकेत एवम् दूर संचार, लेखा तथा प्रबंध आदि विषयों के पुस्तकों का विशाल संकलन है । जिससे विभाग से सम्बंधित अधिकारी एवम् कर्मचारी तकनीकी कार्यों के कुशल सम्पादन के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें । ग्रंथालय का मुख्य उद्देश्य-
1. पाठक के संदर्भ समस्याओं का यथाशीघ्र निवारण करना ।
2. ग्रंथालय को अत्याधुनिक तकनीकी के प्रयोग से एक मानक ग्रंथालय के रूप में परिणित करना ।


In the year 1960, a wonderful huge library of Indian Railways will be developed as a result of the decision taken by the then General Manager Shri S.S. Ramasubban for the establishment of libraries on the Northeast Railway. According to the above decision of the General Manager, a central library, libraries in educational and training institutes, workshops and hospitals and mobile library were to be established at the headquarters. In this series, the Central Library at Gorakhpur headquarters of this rail was started in 1960 under the supervision of the committee constituted by the General Manager. But due to lack of proper arrangements for places and employees etc., proper development of the central library could not be done. In the year 1966-67, the Central Library started again under the supervision of the Library Committee nominated by the General Manager. The books available in the libraries of various departments, including the Chief Engineer's Library, where places and employees were available, this library was formed. Since then, this library has been constantly developing under the supervision of trained librarian. This library has a huge collection of level books of various genres. Its reference collection is of extremely high quality. This library is also famous outside the railway world for the best collection and reader service. Local engineering colleges, medical colleges and professors and research students of Gorakhpur University continue to receive information from time to time from this library.


वर्ष 1960 में तत्कालीन महाप्रबंधक श्री एस. एस. रामासुब्बन द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे पर ग्रंथालयों की स्थापना के लिए, लिए गये निर्णय के परिणामस्वरूप भारतीय रेल के एक अद्भूत विशाल ग्रंथालय का विकास हो जायेगा । महाप्रबंधक महोदय के उक्त निर्णयानुसार मुख्यालय में एक केन्द्रीय ग्रंथालय, शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण संस्थानों, वर्कशाप तथा चिकित्सालयों में ग्रंथालय एवं सचल ग्रंथालय की स्थापना की जानी थी । इसी कड़ी में इस रेल के गोरखपुर मुख्यालय स्थित केन्द्रीय ग्रंथालय की शुरुआत 1960 में महाप्रबंधक द्वारा गठित समिति की देख-रेख में की गयी । परन्तु स्थान एवम् कर्मचारियों आदि की समुचित व्यवस्था न होने के कारण केन्द्रीय ग्रंथालय का उचित विकास नहीं हो सका । वर्ष 1966-67 में महाप्रबंधक द्वारा नामित ग्रंथालय समिति की देख-रेख में केन्द्रीय ग्रंथालय की पुनः शुरुआत हुई । विभिन्न विभागों के ग्रंथालयों में उपलब्ध पुस्तकों को मुख्य अभियंता के ग्रंथालय, जहाँ स्थान व कर्मचारी उपलब्ध थे, मिलाकर इस ग्रंथालय का वास्तविक गठन किया गया । तब से यह ग्रंथालय प्रशिक्षित ग्रंथालयी की देख-रेख में निरन्तर विकास करता रहा है । इस ग्रंथालय में विभिन्न विधाओं की स्तरीय पुस्तकों का विशाल संग्रह है । इसका संदर्भ संग्रह अत्यंत उच्च कोटि का है । यह ग्रंथालय उत्तम संग्रह एवम् पाठक सेवा के लिए रेल जगत के बाहर भी ख्याति प्राप्त है । स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक तथा शोध छात्र इस ग्रंथालय से समय-समय पर सूचना प्राप्त करते रहते हैं ।


Library Rules: 1. प्रत्येक पाठक को एक सदस्यता-कार्ड व दो पाठक-टिकट दिए जायेंगे, जिन्हें उद्धरण के रूप में ग्रंथ लेने के लिए ग्रंथालय में जमा करना पड़ेगा । प्रत्येक सदस्य जो रेलवे कर्मचारी हैं नियम-14 में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन दो और पाठक-टिकट रखने का अधिकार होगा । एक पाठक-टिकट पर केवल एक पुस्तक निर्गत की जायेगी ।

2. निम्नलिखित को सदस्यता का अधिकार होगाः
(क) राजपत्रित अधिकारी
(ख) अराजपत्रित कर्मचारी जो,
i. स्थाई हो या,
ii. अस्थाई हो और उसकी अविछिन्न सेवा कम से कम एक वर्ष की हो ।
(ग) रेल सेवा निवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियम-15 एवं उसके अधीन उपनियमों के अंतर्गत सदस्यता प्रदान की जायेगी ।

3. सदस्यता-कार्ड तथा पाठक-टिकट अहस्तान्तरणीय है, ग्रंथालय उपयोग हेतु दोनों साथ लाना अनिवार्य है ।

4. यदि किसी सदस्य पाठक-टिकट खो जाता है, तो वह उसको दुरूपयोग से बचाने के लिए उसकी सूचनी तत्काल सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी को देगा । यदि खोये हुए पाठक-टिकट पर कोई अनधिकृत व्यक्ति पुस्तक निर्गत कराता है तो उसकी जिम्मेदारी सदस्य की होगी तथा पुस्तक की कीमत एवं रख-रखाव खर्च सहित सदस्य को जमा करना होगा ।

5. सदस्यता समाप्त करते समय ग्रंथालय से ली गयी सारी पुस्तकें और पाठक-टिकटों को वापस करना होगा ।

6. संदर्भ-ग्रंथ ग्रंथालय में ही उपयोग के लिए पाठक-टिकट/सदस्यता-कार्ड पर प्रदान किए जायेंगे । संदर्भ-ग्रंथ/पत्र-पत्रिकाओं को किसी भी दशा में बाहर ले जाने की अनुमति नहीं होगी ।

7. पुस्तक की क्षति के लिए पाठक स्वयं जिम्मेदार होगा । अतः निर्गत कराते समय पुस्तक की भली प्रकार जांच कर लें । यदि कोई पुस्तक सदस्य से खो जाती है या क्षतिग्रस्त अवस्था में लौटाई जाती है तो उस पुस्तक की कीमत, विलम्ब शुल्क तथा रख-रखाव खर्च सहित लेखा विभाग में जमा कर रसीद ग्रंथालय में जमा करनी होगी, अन्यथा इसकी वसूली सदस्य के वेतन से उसको सूचित करते हुए की जायेगी ।

8. केवल अधिसूचित समय में ही पुस्तकों का आदान-प्रदान होगा ।

9. ग्रंथालय से पुस्तक उद्धरण और निश्चित समय में वापस करने का दायित्व सदस्य पर होगा ।

10. यदि पाठक द्वारा कोई पुस्तक/पाठ्य सामग्री निर्धारित तिथि 15 दिन के अंदर ग्रंथालय को वापस नहीं की जाती है तो ₹1.00 प्रतिदिन की दर से प्रति जिल्द विलम्ब शुल्क जमा करना होगा । यदि तीन महिने तक भी पुस्तक वापस नहीं की जाती है, तो पुस्तक की कीमत, रख-रखाव चार्ज एवं विलम्ब शुल्क सहित सदस्य के वेतन से उसको सूचित करते हुए काट लिया जायेगा । पुरानी पत्रिकाएं केवल एक सप्ताह के लिए ही जारी की जायेंगी, विलम्ब होने पर प्रतिदिन ₹1.00 विलम्ब शुल्क देना पड़ेगा ।

11. पुस्तक लौटाने की तिथि से पूर्व भी निर्गत कराई गई पुस्तक को, बिना किसी कारण का उल्लेख किए वापस मंगा लेने का अधिकार सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी को होगा ।

12. अपने साथ लाई गई पुस्तकें, फाईलें, थैले तथा अन्य वस्तुएं प्रवेश द्वार पर ही जमा कर दें । पाठकों को अपने साथ कुत्ते तथा अन्य पालतू पशु ग्रंथालय के अंदर ले आना वर्जित है ।

13. ग्रंथालय के विशेष उद्धरण के लिए सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी अपनी विवेकानुसार स्वीकृति दे सकते हैं ।

14. दो वर्ष की अवधि के लिए सदस्यता शुल्क ₹10.00 तथा द्विवार्षिक अभिदान शुल्क ₹20.00 लेखा विभाग में जमा कर नवीनतम रसीद प्रस्तुत करने पर ही केवल दो पाठक-टिकट व सदस्यता-कार्ड जारी किए जायेंगे, जिनका नवीनीकरण द्विवार्षिक अभिदान शुल्क ₹20.00 जमा कर रसीद प्रस्तुत करने पर ही किया जायेगा । सदस्यों को उनके विशेष अनुरोध पर अतिरिक्त द्विवार्षिक अभिदान शुल्क ₹20.00 जमा कर रसीद प्रस्तुत करने दो अतिरिक्त पाठक-टिकट जारी किए जा सकते हैं । जब कोई सदस्य सेवानिवृत्त या पूर्वोत्तर रेलवे से बाहर स्थानांतरित होता है, या सेवानिवृत्ति से पूर्व ही रेल की नौकरी छोड़ देता है, तो सदस्यता-कार्ड तथा पाठक-टिकट सेवानिवृत्ति या नौकरी छोड़ने की तिथि तक ही वैध होगा तथा ग्रंथालय से ली गई सारी पुस्तकें और पाठक-टिकटों को वापस करना होगा ।

15. रेल सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को एक वर्ष के लिए सदस्यता निम्न उपनियमों के अधीन प्रदान की जायेगीः

a. रेल सेवा निवृत्त अधिकारी/कर्मचारी को ₹50.00 सदस्यता शुल्क व ₹1000.00 अभिदान शुल्क लेखा विभाग में जमा कर नवीनतम रसीद प्रस्तुत करने तथा एक ग्रंथालय सदस्य जो रेल अधिकारी/कर्मचारी हो, के जमानत पर दो पाठक-टिकटों के साथ सदस्यता प्रदान की जायेगी । इन्हें दोनों पाठक-टिकटों को मिलाकर एक समय में ₹1000/- से अधिक कीमत की पुस्तकें निर्गत नहीं की जायेंगी
b. सदस्यों के पुस्तकें वापस न करने तथा खो जाने पर उसकी कीमत, विलम्ब शुल्क तथा रख-रखाव खर्च के साथ जमा न करने पर जमानतकर्ता से वसूल की जायेगी ।
c. नियम-14 के अतिरिक्त सभी नियम सेवानिवृत्त सदस्यों पर भी लागू होंगे ।

16. ग्रंथालय की सदस्यता हेतु दो टिकट साइज फोटो जिसमें से एक आवेदन फार्म पर चिपकाकर अपने विभाग के राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित कराना होगा तथा दूसरा आवेदन फार्म के साथ संलग्न कर ग्रंथालय में जमा करना होगा ।

17. आवेदन फार्म के साथ अद्यतन वेतन पर्ची की फोटो प्रति रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए तथा सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी पेंशन भुगतान आदेश व निवास प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य है ।

18. पाठक-गण ग्रंथालय में पूर्ण शांति बनाये रखेंगे, तथा आपत्तिजनक आचरण करने पर सदस्य अनुशासनिक कार्यवाही का भागी होगा तथा ग्रंथालय में सोना, धूम्रपान करना तथा थूकना वर्जित व दंडनीय है ।

19. ग्रंथालय में प्रवेश करने से पूर्व पाठकों को आगंतुक-पंजिका पर ग्रंथालय नियमों के पालनार्थ सहमति स्वरूप अपना पूरा नाम, पता तथा हस्ताक्षर करना अनिवार्य है ।

20. प्रत्येक सदस्य को ग्रंथालय पाठ्य-सामग्री का ग्रंथालय की सीमाओं में नियमों के अधीन उपयोग करने का अधिकार होगा ।

21. सदस्यता-कार्ड तथा पाठक-टिकट दोनों साथ प्रस्तुत करने पर ही ग्रंथ निर्गत किया जायेगा तथा प्रति पाठक-टिकट एक ग्रंथ निर्गत किया जायेगा । किसी भी दशा में धारित पाठक-टिकटों से अधिक ग्रंथ निर्गत नहीं किए जायेंगे । ग्रंथ वापस करने पर पाठक-टिकट वापस कर दिए जायेंगे । यदि ग्रंथ पर विलम्ब शुल्क देय है तो उसको चुकाने के बाद ही पाठक-टिकट वापस किए जायेंगे ।

22. पाठक-टिकट का नवीनीकरण सदस्यता नियम-15 एवं 16 के अनुसार कालातीत पाठक-टिकटों को प्रस्तुत करने पर ही किया जायेगा ।

23. सदस्यों को ग्रंथ साधारणतया दो सप्ताह (15 दिन) के लिए निर्गत किए जाते हैं । निश्चित अवधि के पश्चात ग्रंथ वापस न करने पर प्रति ग्रंथ प्रतिदिन ₹1.00 विलम्ब शुल्क देय होगा ।

24. सदस्यता-कार्ड तथा पाठक-टिकट खो जाने पर आवेदन के तीन माह बाद ₹50.00 तथा प्रति पाठक-टिकट ₹20.00 जमा करने पर ही नये सदस्यता-कार्ड तथा पाठक-टिकट जारी किए जायेंगे । सेवानिवृत्त सदस्यों के मामले में नये सदस्यता-कार्ड व पाठक-टिकट तीनमाह बाद ₹100/- तथा प्रति पाठक-टिकट ₹1000/- जमा करने पर जारी किए जायेंगे ।

25. यदि किसी सदस्य द्वारा कोई ग्रंथ खो दिया जाता है अथवा क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है तो ग्रंथालय में उस ग्रंथ की नई प्रति अथवा उस पुस्तक की कीमत, रख-रखाव खर्च व विलम्ब शुल्क के साथ जमा करना होगा । यदि सेट का कोई एक खंड खो दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया हो तो पूरे सेट की कीमत रख-रखाव खर्च के साथ जमा करना पड़ेगा तथा सेट का शेष खंड सदस्य को वापस नहीं किया जायेगा ।

26. इन नियमों के उल्लंघन पर सदस्य ग्रंथालय की सुविधा से वंचित हो जाने का भागी होगा । यदि कोई सदस्य ग्रंथालय की किसी सामग्री के साथ अनुचित छेड़छाड़ करते पाया जाता है तो उसकी सदस्यता तुरन्त निरस्त कर दी जायेगी ।

27. ग्रंथालय खुलने व बंद होने का समयः ग्रंथालय रविवार, शनिवार व घोषित अवकाशों को छोड़कर सोमवार से शुक्रवार प्रातः 9.30 से सायं 6.00 बजे तक ।

28. ग्रंथ आदान-प्रदान समयः दोपहर 1.00 से सायं 3.00 बजे तक तथा सायं 4.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक ।

29. मुख्य ग्रंथालय अधिकारी इन नियमों में संशोधन एवं परिवर्द्धन आदि कर सकेंगे ।


Timing: 9:30 to 18:00



Contact Details


Purvottar Railway Kendreeya Granthalaya

पूर्वोत्तर रेलवे केन्द्रीय ग्रंथालय

NORTH EASTERN RAILWAY (HEADQUARTER)

पूर्वोत्तर रेलवे (मुख्यालय)

Office of the Principal Chief Personnel Officer

कार्यालय, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी

Gorakhpur

गोरखपुर

Uttar Pradesh-273012

उत्तर प्रदेश-273012

Email: lia[at]ner[dot]railnet[dot]gov[dot]in


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